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Monday 7 August 2023

तप और त्याग की मूर्ति से असमवासियों का हुआ साक्षात्कार, हजारों को मिला आशीर्वाद


 

*आह्लाादित हुआ असम, अमृत महोत्सव में सिद्धगुरु ने बरसाया ज्ञानरस*


मेरा सौभाग्य है जो मुझे गुरुवर का आशिर्वाद लेने का मौका मिला: राज्यपाल


W7s news,,,गुवाहाटी : उडऩे की अपेक्षा जब हम झुकते हैं तब विवेक के ज्यादा नजदीक होते हैं। फूलों की सुगन्ध तो केवल वायु की दिशा में फैलती है लेकिन व्यक्ति की अच्छाइयां हर दिशा में फैलती है। ऐसे ही अमृत वाक्यों की वर्षा रविवार को माछखोवा स्थित आईटीए सेंटर में  सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव ने अमृत महोत्सव को सम्बोधित करते हुए की। सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव ने कहा कि इस मौके पर गुरुदेव ने असम के लोग धन्य हैं जिन्हें एक ऐसा ईमानदार राज्यपाल मिला जिनकी ईमानदारी राजस्थान की राजनीति मे हर कोई जानता हैं। गुरुदेव ने कहा की जो राम का नहीं वो किसी काम का नही। उन्होंने कहा की हनुमान ने दुश्मनों को मिटा दीया, भगवान महावीर ने दुश्मनी को मिटा डाला। यह ऋषिमुनियो का देश हैं।सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव की उपस्थिति में कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्यपाल गुलबचंद कटारिया ने भगवान गणेश के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके मेघालय सरकार के कैबिनेट मंत्री ए.एल हक, समाजसेवी श्रीपाल जैन, आयोजन समिति की शुभकरण बोथरा, ब्रह्मऋषि आश्रम की ग्लोबल चेयरपर्सन सरला बोथरा, उद्योगपति कैलाश लोहिया, कैलाश काबरा, पंकज जालान, कमल बैद, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रवि पुगलिया आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।यह मेरा सौभाग्य है जो आज मुझे गुरुवर का आशिर्वाद लेने का मौका मिला। में आपसे बस यही आशीर्वाद चाहता हु की में एक अच्छा ईमानदार जन सेवक बन सकू। में एक एक कर दाताओं का ऋणी हूं, जिनके पैसे हमरे ऊपर खर्च होते है, उनके उपक्षाओ के प्रति में न्याय कर सकू। राज्यपाल ने आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस अमृत मोहत्सव का आयोजन इतने भव्य रूप से किया।विश्व धर्म चेतना मंच, श्री ब्रह्मर्षि आश्रम, तिरुपति के गुवाहाटी केन्द्र के तत्वावधान में आयोजित अमृत महोत्सव में गुरुदेव ने अपने आशीर्वचन को श्रवण करने आईटीए का हॉल खचा खच भरा हुआ था।श्री ब्रह्मर्षि आश्रम की ग्लोबल चैयरमेन श्रीमती सरला बोथरा ने बताया कि गुवाहाटी में माछखोवा स्थित आईटीए सेंटर में गुरुदेव ने उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को दिव्य आशीर्वाद प्रदान किया और गुरुदेव का आशीर्वाद पाकर असमवासी आह्लादित हुए। इस भव्य समारोह में श्री ब्रह्मऋषि आश्रम तिरुपति ने सेवा कार्य के क्षेत्र में भी विशेष कार्य किया। इस दौरान आश्रम के आर्थिक सहयोग से मारवाड़ी युवा मंच को 31 जरुरतमंदो को केलिपर लिम्स लगवाने की जिम्मेदारी प्रदान की गई। अमृत महोत्सव के मुख्य अतिथि माननीय राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया ने सिद्धगुरु से आशीर्वाद प्राप्त किया और श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो धर्म की ध्वजा को संस्कार और सेवा के रूप में निरन्तर फहराए जा रहा है। भारतवर्ष ने ऐसे ऋषि-मुनियों और संत-महात्माओं को जन्म दिया है जो वाकई में अष्ट सिद्धियों और नवनिधियों के ज्ञाता हैं। पौराणिक काल से ऋषि-मुनियों ने अपने तप और त्याग से जन-जन को हर आपदा से मुक्त करवाया है। राज्यपाल ने कहा कि साधु-संन्यासी त्यागी होते हैं, वे सिर्फ देने का कर्म करते हैं। देने के लिए इनके पास कोई भौतिक वस्तु नहीं बल्कि दिव्य आशीर्वाद ही होता है। और कहते भी हैं कि संगत संतों की भली होती है। उसके पीछे भी यही कारण है कि संत-मुनिवृंदों का सान्निध्य हमें सद्मार्ग की ओर ले जाता है। सद्गुरु का सान्निध्य में भ्रष्टाचार, व्याभिचार और गलत कार्यों से दूर रहने की प्रेरणा देता है। अमृत महोत्सव स्वागत समारोह समिति के शुभकरण बोथरा ने बताया कि हम सभी बहुत भाग्यशाली हैं कि मनुष्य स्वरूप में हमें ऐसे सिद्धगुरु मिले हैं और आज उनका आशीर्वाद असमवासियों को मिला।श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव एक महान् सिद्धगुरु हैं, जिनकी जन्म से ही सातों कुंडलिनी, सातों चक्र जागृत है तथा ब्रह्म लोक, विष्णु लोक व शिव लोक को प्राप्त कर ब्रह्मर्षि हो गये हैं। समिति के कमलचंद बैद ने बताया कि शनिवार को शाम करीब 5 बजे शुरु हुए अमृत महोत्सव में गुरुदेव ने अमृतवाणी से श्रद्धालुओं को धर्म-कर्म और संस्कारों भरी सीख दी।श्री ब्रह्मऋषि आश्रम तिरुपति के नेशनल मीडिया प्रेजिडेंट एवं सिद्धगुरु के असम के चारों कार्यक्रम के प्रभारी पत्रकार रवि पुगलिया ने बताया कि ब्रह्मर्षि श्री गुरुदेव ने अष्ट सिद्धियों एवं नव निधियों को प्राप्त किया है व समस्त सिद्धियों का उपयोग संसार के कल्याण हेतु कर रहे हैं।स्वागत समारोह समिति के नवरतन बैद ने बताया कि सिद्धगुरु श्री गुरुदेव का आज असम में माँ कामख्या की धरा पर पधारने से हम सभी का जीवन धन्य हो गया। आपके दिव्य आशीर्वाद से हम सबको आज लाभान्वित होने का पावन अवसर मिला हैं।समारोह समिति के पंकज जालान, सुभाष सुराना, मानमल लोढा, दाऊलाल सारड़ा ने कैलाश काबरा, पंकज जालान, कमल बैद, सुनील कटोतिया, भगवान दास दम्मानी, निर्मल गोलछा आदि अतिथियों का स्वागत किया।समिति के अमरचंद बैद ने सिद्धगुरु के असम के आगामी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि सिद्धगुरु 11 अगस्त को ढेकियाजुली, 13 अगस्त को सिलचर व 16 अगस्त को तिनसुकिया में अपना दिव्य आशीर्वचन देने पधारेंगे।समारोह में कोलकाता के संगीतकार देवेन्द्र बेंगानी ने सभी भक्तजनो को अपने सुरीले भजनों से मंत्रमुग्ध कर दिया।

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