• पांच छात्राएं छोटे जोत वाले किसान परिवार से आती हैं, उन्हें छात्रवृत्ति के मिलने से कृषि क्षेत्र में महिलाओं के महत्वपूर्ण आर्थिक योगदान को मान्यता मिली
W7s news नई दिल्ली/मिजोरम : मिजोरम में एक छोटे किसान की बेटी ने बांग्लादेश में प्रतिष्ठित एशियन यूनिवर्सिटी फॉर वींमेन में प्रवेश के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले पांच सफल प्राप्तकर्ताओं में अपना स्थान बनाया है। 375,000 डॉलर (2.8 करोड़ रुपये) की छात्रवृत्ति में छात्राओं का ट्यूशन, कमरा और बोर्ड, स्वास्थ्य देखभाल, पाठ्यपुस्तकें और अन्य सामान की आपूर्ति के साथ-साथ सिंजेंटा के साथ इंटर्नशिप भी शामिल शामिल हो सकता है ।
मिजोरम के थिंगसुल की रहने वाली हमंगैहज़ुली एयूडब्ल्यू में प्रशिक्षणार्थी हैं । वे महिला विश्वविद्यालय में राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र और सार्वजनिक स्वास्थ्य में स्नातक कार्यक्रम को आगे बढ़ाएगी जो कुशल, प्रभावी और नवीन पेशेवरों का पोषण करने का प्रयास करता है। हमंगैहज़ुली गर्व से कहती है कि एक गरीब किसान परिवार से होने के बावजूद, मुझे बांग्लादेश में इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिए नामांकित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मैं हमेशा एक अच्छे विश्वविद्यालय में जाने का सपना देखती थी । सिंजेंटा को इसके लिए धन्यवाद जिसके कारण मेरा सपना सच हुआ है।
सिंजेंटा इंडिया के प्रबंधनिदेशक राफेल डेल रियो का कहना है कि इस पहल से कृषि में महिलाओं के महत्वपूर्ण आर्थिक योगदान की मान्यता मिलती है ।एयूडब्ल्यू और सिंजेंटा की प्रतिबद्धता ग्रामीण महिलाओं को सफल बनाने में मदद करने में दिखती है।सिंजेंटा की छात्रवृत्ति में पांच छात्राओं के लिए ट्यूशन, कमरा और बोर्ड, स्वास्थ्य देखभाल के लिए कवरेज, पाठ्यपुस्तकें और उनके अन्य समानों की आपूर्ति शामिल हैं । इस छात्रवृत्ति के प्राप्तकर्ताओं का चयन कृषि समुदाय से जुड़े छात्राओं में से उनकी अकादमिक उत्कृष्टता और प्रदर्शित नेतृत्व के आधार पर किया गया है। पांच साल की छात्रवृत्ति अवधि में से छात्रा एयूडब्लूय के 'पाथवे फॉर प्रॉमिस' के तहत अंग्रेजी सीखने के लिए एक पूरा साल समर्पित करेंगे। वे सभी प्रमुख शैक्षणिक विषयों के आगे की तैयारी के लिए एक्सेस अकादमी में दूसरा वर्ष बिताएंगे और पिछले तीन वर्ष यूएस मान्यता-योग्य स्नातक कार्यक्रम को पूरा करने के लिए समर्पित होंगी।
एपीएसी हेड ऑफ डायवर्सिटी एंड इंक्लूजन और हेड ऑफ एशिया ग्रुप पामेला गोंजालेज का कहना है कि ग्रामीण महिलाएं सतत विकास के लिए आवश्यक आर्थिक परिवर्तन, पर्यावरणीय और सामाजिक परिवर्तनों को प्राप्त करने की कुंजी हैं। लेकिन क्रेडिट, स्वास्थ्य की देखभाल और शिक्षा तक सीमित पहुंच होने के कारण महिलाओं के सामने कई चुनौतियों हैं जो वैश्विक खाद्य- आर्थिक संकट और जलवायु परिवर्तन से और बढ़ गई हैं। दुनिया भर में कृषि कार्यबल में महिलाओं की बड़ी उपस्थिति को देखते हुए उन्हें सशक्त बनाना न केवल व्यक्तियों, परिवारों और ग्रामीण समुदायों की भलाई के लिए बल्कि समग्र आर्थिक उत्पादकता के लिए भी महत्वपूर्ण है। सिंजेंटा और एशियन यूनिवर्सिटी फॉर वींमेन ग्रामीण महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सही पहुंच के साथ कल के कर्णधार बनाने का काम कर रही हैं।
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